मेरे लफ्जोँ मेँ तेरे सिवा कोई नाम ना हो

मेरे लफ्जोँ मेँ तेरे सिवा कोई नाम ना हो तेरे बिना मेरी पुरी कोई शाम ना हो साँस भी चले तो बस तेरे साथ होने पे चले हमारी जिँदगी मेँ गम का कोई नामो निशान ना हो
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ